बरेली। तेज धूप और गर्मी के कारण बच्चों ओर बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन पानी की कमी की समस्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी मे आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अप्रैल के महीने मे ही पारा 42 डिग्री सेल्सियस के पार होते ही शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में डिहाइड्रेशन के मरीजों मे इजाफा हो गया है। जिला अस्पताल की ओपीडी मे सात अप्रैल को 1766 मरीज ओपीडी मे आये। जिसमें 127 मरीज पानी की कमी और कमजोरी के थे जो कि डिहाइड्रेशन के कारण हुई थी। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ राहुल बाजपेई ने बताया कि इन दिनों थोड़ी सी सावधानी बरती जाये तो शरीर मे पानी की कमी नही होगी। जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या से बचा जा सकता है। डॉ बाजपेई ने बताया कि डिहाइड्रोशन तब होता है जब हम जितना तरल पदार्थ लेते है। उससे अधिक तरल पदार्थ हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है। तब हमारे शरीर मे पानी की मात्रा सामान्य से कम हो जाता है तो यह शरीर मे खनिजों नमक ओर चीनी के संतुलन को गड़बड़ कर देता है। इसके कारण शरीर का कार्य प्रभावित होता है। एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में दो तिहाई से अधिक पानी होता है। यह जोड़ो ओर आंखों को चिकनाहट प्रदान करता है। पाचन में सहायकता करता है। अपशिष्ट ओर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है ओर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है। आगे बताया कि प्यास लगना और चक्कर आना, तेज गंध के साथ गहरे रंग का पेशाब होना, सामान्य से कम बार पेशाब आना, बच्चो मे पानी जैसा मल होना, पेट में ऐठन होना, मतली और उल्टी, बुखार भूख कम लगना डिहाइड्रेशन के लक्षण हो सकते है। डिहाइड्रेशन आमतौर पर पर्याप्त तरल पदार्थ या पानी न पीने या शरीर से द्रव बाहर निकलने के कारण होता है। जलवायु, अधिक शरीरिक व्यायाम ओर आपका आहार के कारण भी डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके अलावा बीमारी जैसे लगातार उल्टी और दस्त, बुखार से पसीना आने से भी डिहाइड्रेशन हो सकता है।।
बरेली से कपिल यादव