भदोही। भारत देश के पिछड़ेपन के लिए आखिर जिम्देदार कौन आज भी देश में गरीबी,अशिक्षा सुरसा की तरह मुह बायें खड़ी हैं। केन्द्र सरकार और राज्य की सरकारें जनमानस के हित में तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हैं। उक्त बातें वरिष्ठ कालीन निर्यातक एवं समाजसेवी ओमैर महमूद अंसारी ने एक विशेष वार्ता के दौरान कही। श्री अंसारी ने कहा कि आज देश के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं।आखिर इसके लिए जिम्देदार कौन है। वर्तमान समय मे राजनैतिक दल सत्ता मे पहुंचने का रास्ता ढूंढ रहें हैं। गरीबी और अशिक्षा आज के आधुनिक युग मे विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि आधी दुनिया समाजवाद और पूंजीवाद को लेकर चल रहा है जिससे वहां की जनता खुशहाल हैं। भारत देश के संविधान मे समाजवाद और पूंजीवाद को सम्मलित रुप से लेकर चलने का प्राविधान है। इस समय सिर्फ पूजीवाद को बढ़ावा मिल रहा हैं।समाजवाद प्रभावित हो रहा है। भारत देश की कुल आबादी लगभग 125 करोड़ के आस पास है। श्री अंसारी ने कहा कि विश्व बैक के सर्वे के अनुसार देश की 30 प्रतिशत आबादी की आय 125 रुपये प्रतिदिन का है। सी .एन.एन से जुड़ी रितिका कात्याल के तीन अगस्त 2015 के एक रिपोर्ट के अनुसार 75 प्रतिशत लोग पांच हजार रुपये प्रतिमाह कमाने वाले लोग है आज भी देश में 35 प्रतिशत लोग अशिक्षित है। श्री अंसारी ने कहा कि केन्द्र सरकार हो या राज्य की सरकारें हो जनता इनसे बहुत संतुष्ट नहीं हैं। किसानों की माली हालत दयनीय है। उसको उसके उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। नौजवान बेरोजगारी का दंश झेलते हुए पीड़ित है। मध्यवर्गीय परिवार महंगाई की मार से परेशान है जब उसके सामने मेडिकल की परेशानी आती है तो वह विवश हो जाता है। कैसे भी करके मुसीबत मे किसी तरह परिवार का उपचार करवाता है। कुल मिलाकर देखा जाय तो अभी भी देश की हालत दयनीय है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या है जिससे निजात दिलाने के लिए देश के प्रतिनिधित्व करने वाले लोगो को देश की जनता के भलाई के बारे में सोचना चाहिए तभी जा कर आज़ाद भारत का सपना साकार होगा।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी